intermittent fasting in hindi – इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे

intermittent fasting in hindi  : आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं intermittent fasting in hindi के बारे में जानकारी। जिन लोगों का वजन बहुत अधिक होता है उनके लिए जरूरी है कि वह अपने वेट को कंट्रोल में रखें। क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो इससे उन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी के अलावा लिवर डिजीज भी हो सकती हैं। तो इसलिए सबसे बेहतर यह है कि आप अपने बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल में करें और इसके लिए आप डाइटिंग, एक्सरसाइज के अलावा दूसरे अन्य तरीके जैसे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग इत्यादि को भी अपनी जीवनशैली में शामिल कर सकते हैं। पर अगर आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में जानकारी नहीं है तो हमारे स्मार्ट जिंदगी के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे इससे जुड़ी हुई सभी महत्वपूर्ण बातें, इसलिए इस लेख को सारा पढ़ें।

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या होती है (What is Intermittent Fasting in Hindi)

यहां सबसे पहले आपको जानकारी के लिए बता दें कि यह उपवास का एक ऐसा तरीका है जिसे कोई भी इंसान अपने लाइफस्टाइल में शामिल करके अपने वजन को कम कर सकता है। बताते चलें कि जो व्यक्ति इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपने जीवन में शामिल करना चाहता है, उसे चाहिए कि वह इस पैटर्न को फॉलो करने के लिए एक निर्धारित समय बनाएं जिस समय वह फास्टिंग शुरू कर सकता है। इस फास्टिंग में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उपवास में व्यक्ति को क्या चीजें खानी है और क्या नहीं। खाने के समय पर भी विशेषतौर पर ध्यान दिया जाता है। साथ ही साथ आपको बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के किसी भी व्यक्ति को बहुत सारे स्वास्थ्य से जुड़े हुए फायदे मिलते हैं। यह उन लोगों के लिए यह बेहद कारगर उपाय है जो अपने शरीर के वजन और सूजन को कम करना चाहते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के कितने प्रकार हैं (Intermittent types in Hindi)

इंटरमिटेंट फास्टिंग के एक नहीं बहुत सारे प्रकार हैं जैसे कि-

  • अल्टरनेट फास्टिंग
  • टाइम के अनुसार फास्टिंग
  • 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग
  • 5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग
  • 24 घंटे की फास्टिंग
  • रमजान फास्टिंग
  • 24 घंटे का उपवास रखना
  • 36 घंटे का उपवास रखना
  • कभी-कभी भोजन ना खाना
  • एक टाइम के आहार से आहार करना
  • वॉरियर आहार या फिर योद्धा आहार

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान क्या खाना चाहिए (What To Eat During Intermittent Fasting in Hindi

जो लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करते हैं उन्हें चाहिए कि वह अपने आहार के लिए जो भी टाइम चुनें उसमें वह पौष्टिकता से भरपूर भोजन खाएं। साथ ही साथ इस बात का ध्यान रखें कि आप सीमित कैलोरी में पोषक आहार का सेवन करें जैसे कि –

  • ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो फाइबर युक्त हो जैसे की सब्जियां, साबुत फल, अनाज इत्यादि।
  • फलों और जूस का प्रयोग ब्रेकफास्ट में कर सकते हैं और इसके अलावा जो भी आपको खाने में पसंद हो उन खाद्य पदार्थों को भी खाया जा सकता है।
  • ऐसे खाद्य पदार्थों का उपयोग ना करें जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो।
  • यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कैलोरी युक्त आहार अधिक नहीं लेना चाहिए और इसलिए आपको चाहिए कि अपने भोजन में 500 केसीएल से ज्यादा कैलोरी ना लें।
  • जो वॉरियर डाइट पर हों उन्हें चाहिए कि वह कोई भी प्रोटीन युक्त आहार जैसे कि चिकन, दूध, मीट, अंडा, मछली इत्यादि का सेवन करने से पहले डाइटिशियन से मशवरा कर लें।
  • इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी के अलावा अन्य तरल पदार्थों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करें ताकि आपको डिहाइड्रेशन ना हो जाए।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे (Intermittent Fasting Benefits in Hindi)

अब आपको यहां हम बता दें कि अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपनी जिंदगी में शामिल करना चाहते हैं तो यहां आपको इसके फायदे बता दें जो कि इस प्रकार से हैं –

दिल को हेल्दी रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग दिल को हेल्दी रखने के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है। इसलिए आपको चाहिए कि आप इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपनी जीवनशैली में शामिल करें। यहां आपको बता दें कि  यह ना केवल आपका वजन नियंत्रित करती है बल्कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी दिल की बीमारी के खतरे को भी कम करती है।

शरीर के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करती है इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग के माध्यम से आप अपने शरीर के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके कम कर सकते हैं। इसके द्वारा लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार होता है और वजन भी कंट्रोल में रहता है। यहां बता दें कि रमजान के उपवास लिपिड प्रोफाइल और वजन को घटाने में काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार करती है

इंटरमिटेंट फास्टिंग के द्वारा ब्लड ग्लूकोस को काफी प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। यहां आपको जानकारी के लिए बता दें कि टाइम रिस्ट्रिक्टेड फीडिंग की सहायता से इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार किया जा सकता है। तो इसलिए अगर आप भी इंसुलिन संवेदनशीलता के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाना चाहते हैं तो बेझिझक अपना सकते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग कैंसर के लिए

जो लोग चाहते हैं कि उन्हें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी अपनी चपेट में ना ले ले तो उन्हें चाहिए कि वह इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपनी जीवनशैली में शामिल करें। बताते चलें कि कैंसर से बचाव करने में यह काफी हद तक व्यक्ति के लिए सहायक हो सकती है। इसके लिए व्यक्ति को चाहिए शार्ट टर्म फास्टिंग को अपने लाइफ स्टाइल में लाए।

ब्लड प्रेशर के लिए

अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई रहता है तो आप इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपनाएं। यहां आपको बता दें कि यह तरीका ना केवल रक्तचाप को कम करता है बल्कि साथ ही साथ सूजन को भी कम करने का काम करता है।

दिमाग के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग

अगर आप चाहते हैं कि आपका मस्तिष्क बेहतरीन तरीके से काम करें तो इसके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग आपकी काफी मदद कर सकती है। बता दें कि इससे आपके मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर होने के अलावा याददाश्त में भी सुधार होता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

जो लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपने जीवन में शामिल करना चाहते हैं, उन्हें इसके बारे में सारी जानकारी होना चाहिए। और यह पता होना चाहिए इसके दौरान और बाद के कौन कौन सी टिप्स हैं जिन्हें उन्हें फॉलो करना जरूरी है। यहां हम कुछ इंपॉर्टेंट टिप्स की जानकारी आपको दे रहे हैं जो कि इस प्रकार से है –

  • यदि आप अपने जीवन में पहली बार उपवास रख रहे हैं तो आपको सबसे पहले डॉक्टर की राय जरूर ले लेनी चाहिए।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत छोटी अवधि के उपवास से करें।
  • अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें और फास्टिंग के दौरान खूब पानी पिएं और साथ ही साथ तरल पदार्थों का प्रयोग करें।
  • हल्का-फुल्का व्यायाम आप उपवास के समय कर सकते हैं लेकिन अगर आपको कमजोरी महसूस हो तो ऐसे में फिर एक्सरसाइज वगैरह ना करें।
  • जिस समय आप अपने उपवास को तोड़े तो उस टाइम बहुत हल्की-फुल्की डाइट का सेवन करें।
  • ध्यान रखें कि उपवास तोड़ने के लिए कभी भी हेवी आहार ना खाएं।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग को ना तो अपनी आदत बनने दे और ना ही लगातार उपवास रखें।
  • अगर आपको कोई हेल्थ इश्यु है तो ऐसे में आप उपवास ना रखें तो ही बेहतर होगा।
  • जंक फूड का सेवन ना करें।

इंटरमिटेंट फास्टिंग कब न करें

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्योंकि एक प्रकार का उपवास है तो इसे कुछ स्थितियों में या कुछ लोग नहीं कर सकते जैसे कि-

  • अगर किसी इंसान का वेट बहुत ज्यादा कम है तो वह उपवास न करें।
  • कई बार डॉक्टर व्यक्ति की कंडीशन देखते हुए उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए मना करते हैं तो ऐसे में उपवास ना रखें।
  • अगर किसी व्यक्ति को कोई गंभीर हेल्थ की समस्या है तो वह भी फास्टिंग बिल्कुल ना करें।
  • जो महिला प्रेग्नेंट है या फिर अपने शिशु को दूध पिलाती है तो वह भी इंटरमिटेंट फास्टिंग ना करे।
  • बच्चों को और किशोरों को भी यह उपवास नहीं करना चाहिए।
  • जो लोग दिल की या फिर ब्लड प्रेशर की कोई मेडिसिन ले रहे हैं तो उन्हें भी उपवास नहीं करना चाहिए या फिर एक बार डॉक्टर से राय ले लें।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के क्या नुकसान होते हैं (Side Effects Of Intermittent Fasting in Hindi)

जैसा कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के बहुत सारे लाभ है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी आपको हो सकते हैं जैसे कि –

  • सिर दर्द के अलावा कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • भोजन ना खाने पीने की वजह से स्वभाव में चिड़चिड़ापन।
  • मूड स्विंग होना।
  • खाने पीने की बहुत ज्यादा इच्छा बढ़ जाना।
  • भोजन का सेवन ना करने की वजह से चक्कर आना।
  • शरीर में कमजोरी के साथ-साथ एनर्जी की कमी महसूस होना।

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कंक्लुजन (intermittent fasting in hindi )

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल intermittent fasting in hindi और इस पोस्ट में हमने आपको (Intermittent Fasting Benefits in Hindi ) से जुड़ी हुई सारी महत्वपूर्ण जानकारी दे दी है जो कि आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद रहीं होंगी। इसलिए अंत में हमारी आपसे यही रिक्वेस्ट है कि अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे दूसरों के साथ भी जरूर शेयर करें और यदि आपके मन में किसी भी तरह का कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं ।

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