भारतीय रेल को और अधिक अत्याधुनिक बनाने के लिए एक नई प्रोजेक्ट पर भारतीय रेल काम कर रही है जिससे भारत में ट्रांसपोर्ट के दिशा में एक नई ऊंचाई मिलेगा. भारतीय रेल के अंतर्गत आने वाली कोलकता मेट्रो की एक नई परियोजना जिसके अंतर्गत कोलकता मेट्रो अब पानी के अंदर से गुजरेगी. कोलकता के हुबली नदी में इस परियोजना का अमली जमला पहनाये जाना बाकि है ये प्रोजेक्ट लगभग बन कर तैयार होने के कगार पर है जिसका वीडियो हमारे रेल मंत्री ने ट्विटर पर जारी किया गया है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो ये प्रोजेक्ट 2021 में पूरा हो जायेगा.
फेज़-1 का काम जल्द पूरा हो जायेगा
फेज़-1 के अंतर्गत आने वाली 5 किमी की लाइन जो साल्ट लेक (Salt Lake ) सेक्टर 5 से साल्ट लेक (Salt Lake ) स्टेडिम तक बनाई गयी लाइन का निरीक्षण कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से किया जा चुका है. इस मेट्रो का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है कुछ मानकों का ट्रायल बाकि है. उसके बाद से जल्द ही इसको पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए खोल दिया जायेगा. कोलकता के ईस्ट वेस्ट परियोजना को सरकार के तरफ से साल 2009 में शुरू किया गया था. यह प्रोजेक्ट 16 किलोमीटर लंबा है.
हुबली नदी के अंदर से गुजरेगी मेट्रो
कोलकाता मेट्रो का ये प्रोजेक्ट(ईस्ट-वेस्ट) 16 किलोमीटर का है जिसको बनाने का काम सयुंक्त रूप से थाईलैंड ओर रूस के विशेषज्ञों की मदद से की जा रही है. ये सुरंग 1 .4 किलोमीटर लंबी है जो हुबली नदी के निचे से गुजरेगी. इसके टनल को बनाने के लिए थाईलैंड ओर रूस के विशेषज्ञों की मदद ली गयी है. पानी के रिसाब से बचाने के लिए 3 तरह के कवच बनाये गए है.
कहां – कहां रुकेगी मेट्रो
16 किलोमीटर लंबी यह मेट्रो साल्ट लेक (Salt Lake ) से होता हुआ साल्ट मैदान तक जायेगा. इस लाइन पर करुणामयी, सेंट्रल पार्क, सिटी सेंटर और बंगाल केमिकल मेट्रो स्टेशन पड़ेंगे. कोलकाता मेट्रो पर अब तक लगभग 3500 करोड़ खर्च किया जा चुका है. इस तरह का प्रोजेक्ट देश में पहली बार शुरू हुआ जिसका इंतजार कोलकाता के लोगो के साथ साथ देश के बाकि लोग को भी है.