Gangaur Mata ke Dohe in Hindi – गणगौर माता के दोहे …

Gangaur Mata ke Dohe in Hindi – गणगौर माता के दोहे …

 

भारत भिन -भिन रंगो से भरा  एक देश है , भारत में जितना राज्य है उतने प्रकार का संस्कृति भी है , जहा सभी लोग मिलकर बहुत धूम – धाम से आनद लेते है , भारत में एक ऐसा राज्य है जहा पे गणगौर माता की पूजा की जाती है और वो राज्य है राजस्थान , राजस्थान में एक समुदाय है जिसको मालवाड़ी बोला  जाता है , मालवाड़ी लोग गणगौर माता की पूजा बहुत ही विधवत तरीके से करते है, उनके श्रद्धा और समर्पण को देखते हुए आज मैं उनके लिए गणगौर  (Gangaur) माता के कुछ दोहे लिखा हूँ , आशा है मुझे की आप सभी लोगो को मेरे ये दोहे पसंद आएंगे ।।

गणगौर माता के दोहे (Gangaur Mata ke Dohe)

जात है गुजरात है, गुजरात का बाणया खाटा खूटी ताणया
गिण मिण सोला, सात कचोला इसर गोरा
गेहूं ग्यारा, म्हारो भाई ऐमल्यो खेमल्यो, लाडू ल्यो ,
पेडा ल्यो जोड़ जवार ल्यो, हरी हरी दुब ल्यो, गोर माता पूज ल्यो

Gangaur ke dohe hindi me

भावज ले गटकायगी, चुन्दडी ओढायगी
चुन्दडी म्हारी हरी भरी,
शेर सोन्या जड़ी शेर मोतिया जड़ी, ओल झोल गेहूं सात
गोर बसे फुला के पास, म्हे बसा बाणया क पास
कीड़ी कीड़ी लो, कीड़ी थारी जात है

गोरा के मन में है, ईसर, राधा के मन में श्याम    

जो मेरे मन को भावे पिया जी है उनका नाम।  

किसी को वाइट पसंद है, किसी को लाइट पसंद है     

मुझे तो पिया जी की हाइट पसंद है।

बगीचे में क्यारी, क्यारी में पानी,   

 पिया जी मेरे राजा, मैं पिया जी की रानी।

सोने के कड़े में हीरे जड़े    

पीछे पलट के देखा तो पिया जी खड़े।

Gangaur ke dohe in hindi

गौर गौर गणपति, ईसर पूजे पार्वती,पार्वती के आला टिका,
गौर के सोने का टिका, माथे है रोली का टिका,
टिका दे चमका दे राजा राजना वरत करे।

हल्दी गांठ गठीली ईसर राज की ब्रह्मदास की बहू है हठीली, 
मांगी सोना री बिंदी, बिंदी बेच घड़ाई बई पारो झमकाई।

आया रे आया गणगौर का त्यौहार है आया
संग में खुशियां और प्यार है लाया
गणगौर की ढेर सारी शुभकामनायें

Gangaur Mata ke Dohe in Hindi

घडी दोय जावता पलक दोय आवता 
सहेलियाँ में बातां चितां लागी हो रसीया 
घडी दोय खेलवाने जावादो 
थारो नथ भलके थारो चुड़लो चमके 
थारा नेना रा निजारा प्यारा लागे हो मारुजी 
थारा बिना जिवडो भुल्यो डोले
प्रारंभ का गीत –(Gangaur Geet)

गोर रे, गणगौर माता खोल ये , किवाड़ी

बाहर उबी थारी पूजन वाली,

पूजो ये, पुजारन माता कायर मांगू

अन्न मांगू धन मांगू , लाज मांगू लक्ष्मी मांगू

राई सी भोजाई मंगू.

कान कुवर सो, बीरो मांगू इतनो परिवार मांगू..

पानी पिलाने का गीत –

म्हारी गोर तिसाई ओ राज घाटारी मुकुट करो

बिरमादासजी राइसरदास ओ राज घाटारी मुकुट करो

म्हारी गोर तिसाई ओर राज

बिरमादासजी रा कानीरामजी ओ राज घाटारी

मुकुट करो म्हारी गोर तिसाई ओ राज

म्हारी गोर ने ठंडो सो पानी तो प्यावो ओ राज घाटारी मुकुट करो..

(इसमें परिवार के पुरुषो के नाम क्रमशः लेते जायेंगे…..

 

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